फरसा होगा हिंदुओ के भविष्य का हथियार:-पं. सुनील भराला।
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हरिद्वार में राष्ट्रीय परशुराम परिषद द्वारा आयोजित दो दिवसीय शोध संगोष्ठी में अतिथियों व प्रतिनिधियों को वितरित किये 500 फरसे:-
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ओजस्वी मन हरिद्वार:--
हरिद्वार के अवधूत मंडल आश्रम में 19 व 20 जून को राष्ट्रीय परशुराम परिषद द्वारा आयोजित भगवान श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी एवं संत समागम में यूपी के राज्यमंत्री एवं श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष पं. सुनील भराला ने कहा कि जो फरसा भगवान परशुराम के हाथों की शोभा बढ़ाता है वही फरसा हिंदुओ के लिये भविष्य का हथियार होगा।
राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संस्थापक संरक्षक एवं यूपी के राज्यमंत्री पं. सुनील भराला ने हरिद्वार में आयोजित दो दिवसीय भगवान श्री परशुराम शोध संगोष्ठी में परिषद की भविष्य की कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की।इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ परमपूज्य स्वामी चिदानंद जी महाराज परमार्थ निकेतन एवं अखिल भारतीय प्रचारक इन्द्रेश जी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।अपने संबोधन में पं.सुनील भराला बोले कि भगवान श्री परशुराम की जन्मस्थली,युद्धस्थली व कर्मस्थली को लेकर समाज मे फैले भ्रम को दूर करने के लिये राष्ट्रीय परशुराम परिषद का गठन किया गया है।परिषद के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिये दो दिवसीय भगवान श्री परशुराम राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन कर भारतवर्ष से 18 राज्यों से आये कुलपति-पूर्व कुलपति, शिक्षाविद व इतिहासकारों ने कार्यक्रम में पहुंचकर शोध पत्र सहित अपने विचार प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि भगवान श्री परशुराम की जन्मस्थली को लेकर हजारों वर्ष से सनातन हिंदुओ में एकमत नही है,इसलिये शिक्षाविद व इतिहासकारों को आमंत्रित किया गया है।पं. सुनील भराला ने कहा कि भगवान श्री परशुराम जी की शिक्षा-दीक्षा,उनकी युद्धस्थली, तप एवं साधना की भूमि तथा भगवान शंकर की तपस्या के बाद कहाँ-कहाँ शिवलिंग स्थापित हुए , इसका उल्लेख भी विद्वानों के द्वारा किया जायेगा।इक्कीस बार पृथ्वी पर भगवान श्री परशुराम जी ने किस राज्य में और किस स्थान पर राक्षसों का वध किया और माता का शीश उतारने और भगवान श्री परशुराम कुंड के महत्व पर भी विद्वान प्रकाश डालेंगें।पं.सुनील भराला ने उपस्थित सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में 500 अतिथियों व प्रतिनिधियों को फरसे भेंट कर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम को मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक इन्द्रेश जी,श्री कामेश्वर चौपाल जी न्यासी श्री राम जन्मभूमि न्यास अयोध्या, श्री अश्विनी चौबे जी केंद्रीय मंत्री भारत सरकार,श्री तीरथ सिंह रावत जी पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड,श्री अशोक बेरी जी प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ,आचार्य राधा कृष्ण मनोडी जी केंद्रीय मंत्री विश्व हिंदू परिषद एवं संरक्षक राष्ट्रीय परशुराम परिषद,परम् पूज्य श्री श्री तुलसी जी महाराज तुलसी पीठाधीश्वर वृंदावन,पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश जी पीठाधीश्वर प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम हरिद्वार,पूज्य महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी जी जीवन दीप आश्रम रुड़की,परम् पूज्य संतोषानंद जी महाराज पीठाधीश्वर अवधूत मंडल आश्रम,पूज्य स्वामी चिदानंद मुनि जी महाराज परमार्थ निकेतन ऋषिकेश,पूज्य आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी निरंजन पीठाधीश्वर हरिद्वार,महामंडलेश्वर पूज्य रविन्द्रपुरी जी अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद,पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य श्री रामभद्राचार्य श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर आदि विद्वत एवं प्रबुद्ध जनों ने मुख्य रूप से संबोधित किया।