मुफ़लिसों के हमराह कुंवर देवराज पंवार* *ओजस्वी मन:-

*मुफलिसी के हमराह*
           *कुंवर देवराज पंवार*
 *ओजस्वी मन:-*
                         सम्पन्नता, विनम्रता और सेवा भाव अगर एक साथ हो तो व्यक्तित्व के सौंदर्य में चार चांद लग जाते हैं।जनपद मुज़फ्फरनगर में कुंवर देवराज पंवार के रूप में एक ऐसा ही व्यक्तित्व निरन्तर गरीबो,असहायों व साधु-संतों की सेवा में रत है।जनपद के वरिष्ठ समाजसेवी कुंवर देवराज पंवार एक ऐसी शख्सियत हैं जो किसी को भी असहाय अवस्था अथवा पीड़ा मे देखते हैं तो द्रवित हो उठते हैं और जरूरतमंद की हर सम्भव मदद करते हैं।कोई भी व्यक्ति आशा लेकर यदि उनके पास जाता है तो वे उसे निराश नही करते हैं।एक समय था जब उन्हें नार्वे,सोवियत संघ,न्यूयॉर्क आदि से कई प्रकार के ऑफर आये लेकिन उन्होंने राष्ट्रप्रेम की खातिर वहाँ न जाकर अपने ही देश मे दीन-दुखियों की सेवा करने का संकल्प लिया। यही कारण है कि कहीं पर भी यदि उनका जिक्र हो तो हर कोई उनकी प्रशंसा करने के लिये आतुर दिखाई देता है।ओजस्वी मन से वार्ता में श्री देवराज पंवार ने कहा कि शिक्षा की रोशनी से अंधकार को दूर किया जा सकता है।हमे मानवता के उच्च आदर्शो को अपनाना चाहिये क्योंकि सभी धर्मों में मानवता सबसे बड़ा धर्म है।कुंवर देवराज कहते हैं कि यदि आप ईश्वर की सेवा करना चाहते हैं तो अपने आस पास दीन-दुखियों की सेवा कीजिये।साधु संतों व तीर्थो की सेवा कीजिये।इसी में ईश्वर की सच्ची सेवा है।
           जनपद मुज़फ्फरनगर की दक्षिणी सिविल लाइन में निवास करने वाले कुंवर देवराज आज किसी परिचय के मोहताज नही हैं।श्री देवराज पंवार 6 अक्टूबर 1955 को जनपद मुज़फ्फरनगर के घासीपुरा गांव में एक जमींदार और राजसी मोलहेड़ी परिवार में श्री हरिराज सिंह के यहाँ जन्मे थे।एक वैभवशाली परिवार में जन्म लेने के साथ कुंवर देवराज पंवार को सादगी,सरलता,विनम्रता और सेवा भाव जैसे संस्कार विरासत में मिले हैं।कुंवर देवराज की तमाम पीढियां गरीबो व साधु संतों की सेवा में ततपर रही हैं और अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा गरीब बच्चों व कुष्ठ रोगियों पर खर्च कर जरूरतमन्दो की आर्थिक मदद करती रही हैं।इनके पिता श्री हरिराज सिंह ऑनरेरी मजिस्ट्रेट के पद पर रहे हैं।सन 1874 में घासीपुरा गांव इनके दादाजी चौधरी घासीराम मौलाहेड़ी के द्वारा बसाया गया था और उनके नाम पर ही गांव का नाम घासीपुरा पड़ा।उस समय इस परिवार का जमीदारा हुसैनपुर, बुपाडा, मंसूरपुर,पुरबालियान, हरसौली,तितावी,खतौली और मौलाहेड़ी गांवों में फैला हुआ था।घासीपुरा में गरीबो अथवा राहगीरों के लिये हर समय भोजन की व्यवस्था रहती थी और  इनका पूरा परिवार जरूरतमंदों की मदद के लिये ततपर रहता था।
       समाजसेवा की राह अपनाने वाले कुंवर देवराज पंवार आज विभिन्न संस्थाओं के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हैं।सेट पोल्स स्कूल से छठी कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन्होंने 12 वी कक्षा एस. डी इंटर कॉलेज मुज़फ्फरनगर से उत्तीर्ण की और उसके बाद डीएवी डिग्री कॉलेज से एल.एल.बी की डिग्री प्राप्त की।
       अपनी दिनचर्या का अधिकतर समय समाजसेवा को देने वाले  श्री देवराज पंवार जी के मन और मष्तिष्क में बचपन से ही समाजसेवा की धुन सवार थी और वह मात्र 14 वर्ष की अल्पायु में ही समाजसेवा से जुड़ गये थे।उनका कहना है कि जरूरतमंदों की आर्थिक मदद करके जो सुकून मिलता है वह दुनिया भर के खजाने में नही है।
       श्री देवराज पंवार जी के पूर्वज भी समाजसेवा के कार्यो में रत थे।इनके दादा जी श्री लालसिंह सबसे कम आयु में जिला परिषद के अध्यक्ष बने थे।इसके बाद उन्होंने समाजसेवा का रास्ता अपनाया था।अपने दादा व पिता के दिये संस्कारो को आज भी कुंवर देवराज पंवार बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं।शिक्षा पूर्ण करने के बाद श्री देवराज पंवार ने अपना  व्यवसाय आगे बढ़ाया और एक अधिवक्ता के रूप में अपना कैरियर बनाया।श्री देवराज पंवार उच्चतम न्यायालय,भारत सरकार,नई दिल्ली के अधिवक्ता भी रहे हैं और स्थायी लोक अदालत के सदस्य भी रहे हैं।इनका विवाह 29 अक्टूबर सन 1985 को श्रीमती रीता पंवार के साथ संपन्न हुआ।इनकी धर्मपत्नी श्रीमती रीता पंवार शिक्षित होने के साथ साथ धार्मिक भी हैं और अनेक संस्थाओं के माध्यम से समाजसेवा से जुड़ी हुई हैं।
         समाज मे एक अलग पहचान रखने वाले कुंवर देवराज सन 1986 में फ्रेंड्स ऑफ दि सोवियत यूनियन के स्वदेश में संयोजक रहे और उन्होंने भारत और सोवियत संघ के बीच संस्कृति के आदान प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।इससे एक साल पूर्व उन्हें नार्वे के सामाजिक,राजनीतिक और सांस्कृतिक परिवेश के अध्ययन के लिये नार्वे में सम्मानित किया गया।समाज सेवा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के कारण इन्हें विभिन्न संगठनों की ओर से ढेरो सम्मान व प्रशस्ति पत्र प्राप्त हो चुके हैं।सन 2005 में राष्ट्रीय पुरस्कार के अंतर्गत श्री पंवार को फ्रेंड्स ऑफ एन्वायरमेंट एनीमल्स एन्ड पीस , नई दिल्ली द्वारा पुरस्कृत किया गया।कुंवर देवराज सचिव कृषि,विज्ञान केंद्र भारत सरकार मुज़फ्फरनगर के सेवा निवृत्त पदाधिकारी रहे हैं तथा इसके अतिरिक्त पशु कल्याण अधिकारी वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार और कम्पनी कमांडर यू.पी गार्ड्स मुज़फ्फरनगर व मुख्य आयुक्त स्काउट एवं गाइड्स मुज़फ्फरनगर के पदाधिकारी रहे हैं।श्री देवराज जी पत्रकारिता के क्षेत्र से भी जुड़े हुए 
हैं और अध्यात्म जगत उत्तर प्रदेश एवं भारत सरकार से मान्यता प्राप्त समाचार पत्र व चौगामा की आवाज दैनिक समाचार पत्र के संपादक हैं।श्री देवराज जी  दीज डेज अंग्रेजी दैनिक के संवाददाता रह चुके हैं और वर्तमान में पत्रकारों की भारत की राष्ट्रीय संस्था इलना व ऐनक के सदस्य हैं।श्री देवराज भारत स्काउट एवं गाईड्स मुज़फ्फरनगर के अध्यक्ष व देवी आपदा राहत समिति मुज़फ्फरनगर के कार्यकारिणी सदस्य भी रह चुके हैं।इसके अतिरिक्त सहसचिव इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी ऑफ इंडिया, उपाध्यक्ष स्वामी कल्याण देव डिग्री कॉलेज मोरना,उपाध्यक्ष शहर आर्य समाज मुज़फ्फरनगर, अध्यक्ष छात्र संघर्ष समिति मेरठ विश्वविद्यालय, अध्यक्ष रोटरी क्लब मुज़फ्फरनगर, अध्यक्ष रूसी भाषा छात्रसंघ,पदाधिकारी फ्रेंड्स पैराडाइज मुज़फ्फरनगर, सदस्य बी.के मीडिया हेड क्वार्टर माउंट आबू आदि विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर शोभायमान रहे हैं और निष्ठा एवं लगन के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते रहे हैं।श्री देवराज किसानों के संगठन की ओर से जर्मनी,हॉलैंड व बेल्जियम की यात्रा कर चुके हैं और उनकी समस्याओं पर व्याख्यान दे चुके हैं।45 वर्षो से सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय श्री देवराज जी ने शिक्षाऋषि स्वामी कल्याणदेव जी के साथ कई वर्षों तक कार्य किया।इन्होंने अनेक शिक्षण संस्थाओं में गरीब बच्चों की शिक्षा, यूनिफॉर्म और पाठ्यक्रम निःशुल्क रखा है और घासीपुरा के मंदिर में आज भ ी प्रतिदिन भंडारा चलता है।इसके अलावा इन्होंने युवाओ को रोजगार के प्रति जागरूक करने के लिये एक विंग की स्थापना की।
      वरिष्ठ समाजसेवी श्री देवराज पंवार इतनी सम्पन्नता के साथ विनम्र भी हैं और गरीबो व निराश्रितों की मदद के लिये हर पल तैयार रहते हैं।उनकी यही खासियत उन्हें औरों से अलग करती हैं।