कल्याणकारी शिक्षा समिति की भूमि को लेकर भ्रम फैलाने वालों को कुंवर देवराज की चेतावनी

होटल ग्रीन एप्पल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कुंवर देवराज ने स्पष्ट किये सभी तथ्य।



ओजस्वी मन मुज़फ्फरनगर:-

                                          जनपद के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता कुंवर देवराज पँवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया कि कुछ स्वार्थी लोग कल्याणकारी शिक्षा समिति बघरा की भूमि को लेकर भ्रम फैला रहे हैं।उन्होंने भूमि से संबंधित सभी तथ्यों व सबूतों को मीडिया के सामने रखते हुए ऐसे लोगो से आम जनमानस को सावधान रहने और उनकी बातों में न आने की अपील की।

                जनपद मुजफ्फरनगर के प्रमुख समाजसेवी एवं धर्म-कर्म के क्षेत्र में अग्रणीय भूमिका निभाने वाले तथा वरिष्ठ पत्रकार व अधिवक्ता कुंवर देवराज पवार ने शहर के एक होटल में  प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके सभी तथ्यों को स्पष्ट करते हुए बताया कि उनके द्वारा किस प्रकार शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा दिया जाता है। इतना ही नहीं कुंवर देवराज पवार समाज सेवा के क्षेत्र में एक ऐसा स्तंभ है जिन्होंने शिक्षा को तो बढ़ावा दिया ही दिया है साथ ही सामाजिक गतिविधियों के चलते इस शहर को एक नई पहचान देने का काम भी किया है। आज आसपास के क्षेत्र में भी कुंवर देवराज पवार के नाम को प्रतिष्ठित और सम्मानित व्यक्ति के तौर पर बहुत ही सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके प्रबंधन में कल्याणकारी शिक्षा समिति,बघरा में ऐतिहासिक विकास कार्य हुए हैं।किंतु कुछ स्वार्थी लोग कल्याणकारी शिक्षा समिति की भूमि को ट्रस्ट की बताकर लोगो को भ्रमित कर रहे हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने स्वयं पत्रकारों के समक्ष ऐसे सभी तथ्यों व पूरी स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देते हुए उन्हें मजबूती प्रदान की। उन्होंने बताया कि परमपूज्य वीतराग स्वामी कल्याण देव महाराज प‌द्मश्री पदमभूषण ने महात्मा गाँधी व सन्त विनोवा भावे से प्रेरणा पाकर विशेष रूप से जनपद मुजफ्फरनगर में शिक्षा की ज्योति जगाकर अनेक शिक्षण संस्थायें बनायी। कुंवर देवराज पवार ने 1972 में 17 वर्ष की आयु में ही उनसे प्रेरणा पाकर उनका यदा कदा सहयोग करना शुरू किया तथा बघरा क्षेत्र में जनपद मुजफ्फरनगर में कृषि विज्ञान केन्द्र के संस्थापक सचिव के रूप में इस संस्थान के लिए करोडों रूपये का अनुदान प्राप्त कर निर्माण कराया तथा अवैतनिक सचिव के रूप में विकसित कराकर स्वामी कल्याणदेव जी के निर्देश पर भारत सरकार को सौंपा जिससे वहाँ के कर्मचारी सरकारी बन गये। तदोपरान्त कल्याणकारी शिक्षा समिति, बघरा के नेतृत्व में चल रहे स्वामी कल्याणदेव डिग्री कालेज के सचिव का कार्यभार ऐसे समय पर संभाला जब उनसे उच्च नेतृत्व ने ऐसा करने को कहा, जबकि उस समय सन् 2009 में सचिव एवं डायरेक्टर चल रहे विवाद के कारण कॉलिज से त्याग-पत्र देकर चले गये थे तथा विद्यालय की वित्तीय स्थिति तथा छात्रों की संख्या नगण्य थी तथा उस समय में कानूनी पेचीदगी से उसे निकाला तथा वित्तीय स्थिति भी ठीक की तथा बी०काम व बी०एस-सी० की मान्यता भी करायी तथा अनुशासन स्थापित कराया। उस समय केवल बी०ए० की मान्यता थी।स्वामी कल्याणदेव डिग्री कॉलिज, स्ववित्त पोषित संस्था बघरा, मुजफ्फरनगर प्रबन्ध कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दूषित एवं स्वार्थी व्यक्ति द्वारा संस्था व उसकी कार्यकारिणी के सम्बन्ध में दुष्प्रचार किया जा रहा है और यह समस्त तथ्य तोड-मरोड कर जनमानस व नेतृत्व जनप्रतिनिधियों को भ्रमित कर अर्द्धसत्य बताया जा रहा है कि विद्यालय की कृषि भूमि को विक्रय कर दिया गया है। यह सम्पत्ति श्री शुकदेव आश्रम स्वामी कल्याणदेव ट्रस्ट की नहीं है वरन् 1950 से कल्याणकारी शिक्षा समिति सोसाइटी की है। सन् 2016 में कुंवर देवराज पवार सचिव के कार्यकाल में क्रय / खरीदी गयी है तथा लगभग 7 साल बाद इसे 3 गुणा मूल्य अधिक पर सन् 2024 में विक्रय किया गया। वह स्वामी कल्याण देव डिग्री कॉलिज, बघरा के नाम खरीदी गयी थी। जबकि स्वार्थी तत्व इसे ट्रस्ट की बताकर सभी जनमानस व नेतृत्व को भ्रमित करते है ताकि असत्य भाषण कर वह सोसाईटी को बदनाम कर सके। इसमें वह पूर्ण सत्य को छिपाकर प्रस्तुत करते है ताकि भ्रम पैदा हो और सबके मन में भ्रमित विचार आयें। वास्तविक स्थिति यह है कि विद्यालय की भूमि नियमानुसार संवैधानिक स्थिति व विधिक स्थिति व संस्था के नियमानुसार प्रस्ताव पारित कर संस्था के हित को ध्यान में रखते हुए विक्रय की गयी। क्योंकि संस्था को 75 वर्ष पुराने जर्जर हुए भवनों का पुनः निर्माण कराना आवश्यक था। पुराने होने के कारण विद्यालय भवन के कक्षों में दुर्घटना से होने वाली सम्भावना को देखते हुए अत्तिशीघ्र उनका निर्माण कराया जाना की सावधानी आवश्यक थी। अतः विधि अनुसार संस्था की सभा कार्यकारिणी का उपस्थिति सदस्यों की सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कराकर उपर्युक्त भूमि विक्रय की गयी तथा समस्त धन को विद्यालय के बैंक एकाउण्ट में क्रेता द्वारा निर्गत कराकर रखा गया है तथा कार्यकारिणी की स्वीकृति से जर्जर भवनों के पुनः निर्माण में प्रयुक्त किया जायेगा। निहित स्वार्थी तत्व जिनका कि विद्यालय में ना कोई धन लगा है और ना ही विद्यालय के लिए ऐसे तत्वों ने समय का कोई योगदान किया है। उनका येन-केन-प्रकारेण यही दुष्प्रचार का उद्देश्य रहता है कि भले व कर्मठ कार्यकारिणी नेतृत्व की छवि समाज में धूमिल हो जाये और समाज में दुष्ट व निकृष्ट स्वार्थी तत्व उनकी धन सम्पदा जोकि सचिव /प्रबन्धक कुवंर देवराज पवांर के 16 वर्षों के कार्यकाल में विकास एवं प्रगति के उच्च आयाम स्थापित कर ब्रह्मलीन स्वामी कल्याणदेव जी के उच्च आदर्शों को स्थापित कर बघरा क्षेत्र व आसपास के ग्रामीण आंचल में शिक्षा की अविरल ज्योति प्रकाशित कर महत्वपूर्ण योगदान किया गया को हस्तगत कर सके। अतः जनमानस व नेतृत्व को भ्रम से मुक्त कर सत्य की यह ज्योति प्रकाशित की गई है तथा संस्थाओं की प्रगति विषयवार प्रस्तुत की गयी है।