बिजनोर सीट पर कहीं मंद न पड़ जाये हाथी की चाल,वोटरों को साधने के लिये विजेंद्र सिंह कर रहे हैं कड़ी मशक्कत!


ओजस्वी मन न्यूज़(बिजनौर):-

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(संपादक-पं.दीपक कृष्णात्रेय).

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                                         चुनावी खेल में अक्सर बाजियां उलट-पलट होती रहती हैं।हर चुनाव में समीकरण बदलते रहते हैं।कुछ ऐसा ही नजारा बिजनौर लोकसभा सीट पर देखने को मिल रहा है, जहाँ दलित - मुस्लिम वोटरों के सहारे अपनी चुनावी नैय्या पार लगाने की जुगत भिड़ा रहे बसपा प्रत्याशी चौधरी विजेंद्र सिंह की सफलता पर संशय के बादल मंडरा रहे है।

                       लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा से मलूक नागर विजयी होकर बिजनौर सांसद बने थे।उस समय बसपा को दलित-मुस्लिम एवं पिछड़ा समाज के वोटरों का भरपूर साथ मिला था।2024 में इसी समीकरण के सहारे चौधरी विजेंद्र सिंह भी अपनी चुनावी नैय्या पार लगा लेना चाहते हैं।लेकिन चुनावी माहौल में एक ओर जहाँ सियासत के जानकार अपने-अपने आकंड़े प्रस्तुत करते हैं तो वहीं दूसरी ओर गली-गली एवं नुक्कड़ चौराहों पर चुनावी दिलचस्पी रखने वाले आम जनमानस भी अपने अपने अनुमान लगाते दिखाई पड़ते हैं। ऐसे ही चुनावी आंकड़ो एवं चर्चाओं में बिजनौर लोकसभा सीट पर हाथी की चाल मंद पड़ने के आसार दिखाई दे रहे हैं।मुस्लिम समाज का वोटबैंक बिजनौर लोकसभा सीट पर  बंटता हुआ नजर आ रहा है।मुस्लिम समाज का एक ओर जहां समाजवादी पार्टी से लगाव किसी से छिपा नही है तो वहीं बीजेपी एवं रालोद गठबंधन प्रत्याशी चंदन चौहान भी अपनी विरासत एवं विनम्र स्वभाव के बलबूते मुस्लिम वोटों में सेंध लगाते नजर आ रहे हैं।वहीं बात अगर दलित वोटरों की करें तो उसे भी पूरी तरह साधने में बसपा के विजेंद्र सिंह सफल होते नजर नही आ रहे हैं।ऐसे में बसपा प्रत्याशी की विजय पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं।यूं तो विजेंद्र सिंह कड़ी मशक्कत करते नजर आ रहे हैं लेकिन चुनावी चर्चाओं में  परिणाम उनके पक्ष में बनता दिखाई नही पड़ रहा है।