कैरियर गाइडेंस एवं कॉउंसलिंग के लिये आयोजित हुआ कार्यक्रम--

 कैरियर गाइडेंस एवं कॉउंसलिंग के लिये आयोजित हुआ कार्यक्रम--







ओजस्वी मन जड़ौदा/मुज़फ्फरनगर:--

                                                    

                                            मंगलवार को होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज, जडौदा, मुजफ्फरनगर के सभागार में बच्चों के उज्जवल भविष्य एवं मार्गदर्शन हेतु एक कैरियर गाइडेन्स और काउन्सिलिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ, कार्यक्रम के वक्ता डॉ0 रोहित खोखर (शिक्षाविद, काउन्सलर व सी0टी0ओ0, विद्या प्रकाशन) व समृद्धि त्यागी (काउन्सलर व मनोचिकित्सक), अंकित चौधरी, अध्यक्ष रीटा दहिया व प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया ने दीप प्रज्जवलित कर किया। 

                               21 दिसम्बर मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ0ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम के साथ कार्य कर चुके काउन्सलर डॉ0 रोहित खोखर ने बताया कि सपने एक दिन में पूरे नहीं होते उनके लिए निरन्तर प्रयास करने पडते है, हमें यह तो पता है कि हमें क्या बनना है लेकिन कैसे बनना यह नहीं मालूम। कुछ टैक्नोलॉजी जैसे- फेसबुक, वाट्सअप आदि आपको किसने सिखाया या आपने खुद सीखा ?क्योंकि हमें इसमें रूचि थी, इसी प्रकार हमें अपना कैरियर उसी क्षेत्र में चुनना चाहिए जिसमें हमें रूचि हो ।यदि हम ऐसा करते है तो हम उस क्षेत्र में बहुत जल्दी तरक्की करेगें और आनन्दित रहेगें। 

आपकी लाइफ में महत्वपूर्ण क्या है यह जानना बहुत जरूरी है ।क्या फेसबुक, वाट्सअप व मोबाइल गेम जरूरी है?निश्चित रूप से जरूरी नहीं है !मगर हम इसमें अपना बहुत सा कीमती समय बर्बाद कर देते है। चाइना जैसे देश हमारी नयी पीढी को इस ओर धकेल रहे है, जिससे हमें बचना चाहिए और अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए। बोर्ड परीक्षा की तैयारी से सम्बन्धित जानकारी देते हुए डॉ0 रोहित खोखर ने बताया कि हम जब किसी शादी विवाह, समारोह में जाते है तो अपने आप को सजा-संवाकर जाते है।इसी प्रकार जब हम बोर्ड परीक्षा देते है तो हमारी कॉपी भी इसी प्रकार विशेष प्रकार से सुसज्जित होनी चाहिए। हमें अपने विषयों को तीन भागों (बहुत रूचिकर, रूचिकर, कम रूचिकर) में विभाजित करना चाहिए और प्रत्येक विषय को कम से कम 60 मिनट देनी चाहिए। परीक्षा की कॉपी में दो रंगों के पैन का प्रयोग करना चाहिए। तैयारी के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए और कम से कम आधा घण्टा टहलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें अपनी सामर्थ्य, रूचि और अपने संसाधन सभी का विश्लेषण करने के बाद ही अपने कैरियर का चुनाव करना ही श्रेष्ठ है जैसे - अगर आपको हिन्दी अच्छी लगती तो आप जनरललिस्ट का कोर्स कर सकते है आदि। गूगल पर अपने आस-पास के यूनिवर्सिटी की जानकारी करके और अपने रूचिकर कैरियर का चुनाव करें। सफल व्यक्तियों की बायोग्राफी पढ़कर उनके संघर्ष से प्रेरणा लेकर दृढ़ निश्चय करें कि जब वे विपरीत हालत होने पर सफल हो सकते तो आप क्यों नहीं हो सकते इसलिए उठो, जागो और जो बनना है उस पर लग जाओ। 

काउन्सलर समृद्धि त्यागी ने प्रोग्राम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद देते हुए बच्चों को बताया कि आप सौभाग्यशाली है कि आपकी काउन्सलिंग होती है और आप उसकी सहायता से अपना सर्वश्रेष्ठ क्षेत्र चुनाव कर सकते है, हमारे समय में ऐसा नहीं था।

उन्होंने अपने विषय में बताते हुए बताया कि मैनें रेडियो पर किसी व्यक्ति को काउन्सलिंग करते हुए सुना, तभी से मैं इसमें कैरियर बनाने में जुट गयी जो चीज मेरे लिए अच्छी वो सबके लिए अच्छी नहीं हो सकती, समान शिक्षा होने के बावजूद सबकी जॉब और रॉल अलग-अलग होते है जो व्यक्ति जिस काम से प्यार करता है वो उस कार्य को उतने ही बेहतर ढंग से कर सकता है, इसलिए आपकी जिस क्षेत्र में रूचि है यदि आप उस क्षेत्र का चुनाव करते है तो उस क्षेत्र में आप उतने ही बेहतर ढंग से कार्य कर सकते है और कैरियर चुनाव से पहले कुछ फैक्टर का जानना अति आवश्यक है जैसे- कारण, वेतन, इज्जत, जॉब सिक्योरिटी, प्लेजर टाइम, हैल्थ ईशू, आत्मविश्वास, परिस्थिति आदि। जो कोर्स मैं कर रहा हूं क्या वह मुझे जल्दी जॉब दिला सकता है, क्या पांच साल बाद मेरी सैलरी डबल को सकती है मैंने जो कैरियर चुनाव किया क्या वो मुझे इज्जत दिला सकता है और क्या यह कोर्स मेरी जॉब की सिक्योर रख पायेगा आदि। 

कार्यक्रम का समापन करते हुए प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया ने कार्यक्रम उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों से मार्गदर्शन व काउन्सलिंग में बतायी गये बिन्दुओं को जीवन में अपनाकर अपने जीवन को सफल बनाने के लिए प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित किया व विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामनां की। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नितिन बालियान, जितेन्द्र कुमार, आजाद सिंह, इन्दु सहरावत एवं समस्त स्टाफ का योगदान रहा।