*उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में युवाओ के लिये बेहतर विकल्प है श्री राम ग्रुप ऑफ कॉलेज मुज़फ्फरनगर*
हर घर शिक्षा से रोशन हो,यह संकल्प लेकर कार्य कर रहे हैं, श्री राम चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष चंद्र कुलश्रेष्ठ
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राष्ट्रीय मूल्यांकन एवम प्रत्यानयन परिषद (NAAC)द्वारा मई 2016 में श्री राम कॉलेज को प्रदान किया गया है,A ग्रेड।
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ओजस्वी मन:- शिक्षा जीवन के अंधकार को दूर कर देती है।शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है।आज प्रत्येक माता-पिता चाहते है कि उनकी संतान शिक्षित होकर समाज मे नाम रोशन करे।इसके लिये अपनी अपनी स्थिति के अनुसार सभी प्रयास करते है।लेकिन आर्थिक स्थिति बेहतर न होने के कारण अधिकतर लोग उच्च शिक्षा के अपने सपने को पूरा नही कर पाते है।विशेषकर ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े युवा उच्च शिक्षा पाने की इच्छा व योग्यता होते हुए भी आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते है।इस बात को अनुभव करके हर घर को ज्ञान से रोशन करने का सपना लेकर श्रीराम चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की है डॉ. एस. सी.कुलश्रेष्ठ ने।
समाजसेवा की भावना को धारण करके वर्ष 2004 में डॉ. सुभाषचंद्र कुलश्रेष्ठ ने श्री राम चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना के साथ ही श्री राम ग्रुप ऑफ कॉलेज की नींव रखी।उन्होंने समाजसेवा के लिये शिक्षा जैसे पवित्र कार्य को चुना।डॉ. एस. सी कुलश्रेष्ठ का सपना है कि आर्थिक तंगी के चलते कोई युवा शिक्षा से वंचित न रहे।घर घर मे शिक्षा का उजियारा फैले।देश का युवा शिक्षित होगा तो निश्चित ही भारत विश्वगुरु बनेगा।अपने इस सपने को पूर्ण करने के लिये डॉ. सुभाष चंद्र कुलश्रेष्ठ निरंतर प्रयासरत है।
डॉ. कुलश्रेष्ठ ने क्षेत्र के युवाओ को गुणवत्तापरक उच्च व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध कराने की शुरुवात करते हुए वर्ष 2004 में ही बीएड पाठ्यक्रम के साथ मुज़फ्फरनगर में श्री राम कॉलेज की स्थापना की एवं मात्र 18 विद्यार्थियों के साथ महाविद्यालय का संचालन प्रारम्भ किया।वर्तमान में विद्यार्थियों की यह संख्या 18 से बढ़कर 10000 को पार कर चुकी है।
डॉ. कुलश्रेष्ठ ने शिक्षा के क्षेत्र मे कदम रखने के बाद महसूस किया कि आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण अधिकतर युवा शिक्षा से वंचित रह जाते है क्योंकि इस शिक्षा के लिये उन्हें जनपद से बाहर जाना पड़ता है जो अपेक्षाकृत अधिक महंगा होता है।इस कारण केवल सम्पन्न वर्ग ही उच्च शिक्षा को प्राप्त कर पाता है और धन के अभाव में अधिकांश युवा जो योग्यता तो रखते है परंतु आर्थिक रूप से सम्पन्न नही है,उच्च व्यावसायिक तकनीकी शिक्षा से वंचित रह जाते है।अतः उन्होंने संकल्प लिया कि वह जनपद में शिक्षा की ऐसी मशाल जलाएंगे जो हर घर को ज्ञान से रोशन कर सके।