*ताकि खुशहाल बने अन्नदाता*
योगी सरकार की प्राथमिकता में है किसान:सुरेश राणा
ओजस्वी मन:- जुझारू एवं कर्मठ व्यक्तित्व तथा विशिष्ट कार्यशैली से प्रदेश व देश मे एक अलग पहचान बनाने वाले उत्तर प्रदेश सरकार में गन्ना एवं चीनी मिल औद्योगिक विकास कैबिनेटमंत्री सुरेश राणा अपने चिर परिचित अंदाज में विभिन्न विषयों पर बात करते है तो स्पष्ट रूप से उनकी बातों में किसानों के हित की चिंता दिखाई पड़ती है।योगी सरकार उत्तर प्रदेश में अन्नदाता के हित के लिये संवेदनशील है यह बात किसी से छिपी नही है।गन्ना मंत्री सुरेश राणा तो यहां तक कहते है कि सूबे के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के हृदय में हर समय किसान वास करता है।किसानों की समृद्धि के लिये सरकार तेजी से कार्य कर रही है।सरकार के प्रत्येक कदम में किसानों का हित छिपा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों की कितनी चिंता करते है इस पर चर्चा करते हुए गन्ना मंत्री सुरेश राणा कहते है कि योगीजी की प्राथमिकता में अन्नदाता का हित है।सरकार कृतसंकल्प है कि किसान उन्नत बने।
गन्ना कैबिनेटमंत्री सुरेश राणा पश्चिमी यूपी के थानाभवन के किसान परिवार से ताल्लुक रखते है।जिसके कारण किसानों की समस्याओं से सहज रूप से परिचित भी हैं।उत्तर प्रदेश सरकार में गन्ना एवं चीनी मिल राज्यमंत्री का दायित्व संभालने के बाद से ही वे किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिये ततपरता से कार्य कर रहे है।किसानों से उनका लगाव रह रहकर नजर आता है।किसानों के हित की बात जब जब होती है तब तब गन्ना मंत्री सुरेश राणा अपनी चिर परिचित शैली में सभी बातों का बेबाकी से जवाब देते है।
ओजस्वी मन पत्रिका के संपादक पं. दीपक कृष्णात्रेय से वार्ता करते हुए गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि कैबिनेट की पहली बैठक में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हित मे महत्वपूर्ण फैसले लेकर यह संदेश दे दिया था कि उनकी सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है।किसानों की उन्नति की खातिर चीनी मिलों को आत्मनिर्भर बनाने और गन्ना किसानों के लिये चीनी मिलों से अलग हटकर नए विकल्प खोलने के लिये भी महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे है।
एक कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए किसानों की समस्याओं से जुड़े सभी सवालों का जवाब दिया।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के हित को प्राथमिकता में रखते हुए कार्य कर रही है।किसानों के हित मे कई महत्वपूर्ण निर्णय भाजपा सरकार में लिये गये है।जिसके कारण किसानों का विश्वास सरकार में बढ़ा है।ऐसी कई शुगर मिलो को चलाने का कार्य हमारी सरकार द्वारा किया गया है जो पूर्व की सरकार की अनदेखी के कारण बंद पड़ी थी।किसानों की भुगतान संबंधी समस्याओं को दूर करने का कार्य हमारी सरकार द्वारा किया जा रहा है।आज किसी भी सरकारी मिल पर किसानों का एक रुपया भी बकाया नही है।
सुरेश राणा ने कहा कि पूर्ण मनोयोग से किसानों के हित मे कार्य किया जा रहा है।भाजपा शासनकाल में किसी भी सरकारी मिल पर किसानों का एक भी रुपया बकाया नही है।निजी मिलो को भी सरकार की तरफ से 4000 करोड़ का सॉफ्ट लोन दिया गया है।जिसे केवल गन्ना किसानों के भुगतान के लिये खर्च किया जाना है।जिसके चलते निजी मिलें भी किसानों का शत प्रतिशत गन्ने का भुगतान कर रही है।उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के मूल्य को देखते हुए सरकार ने 2900 रुपये प्रति कुंतल मूल्य तय कर दिया है।कई शुगर मिलो का विस्तार किया गया है जबकि कई मिल नई लगाई गयी है।आगामी साल में कई एथेनॉल प्लांट लगाये जायेंगे।जिससे गन्ना किसानों के दिन बहुरेंगे।उन्होंने कहा कि पूर्व की सपा और बसपा सरकारों ने किसानों को बर्बाद करने का कार्य किया है।पूर्व में सपा और बसपा सरकार में गन्ने का रकबा 20.5 हेक्टेयर था जो अब बढ़कर 5.5 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है।उन्होंने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता है जिनके कारण हम सभी जिंदा है।उन्होंने इस अवसर पर विनम्रता से किसानों का धन्यवाद किया।
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कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा की पश्चिमी क्षेत्र में निरंतर सक्रियता*
पूर्व की सरकार में अनदेखी का शिकार हो रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अब विकास को पंख लग रहे है।एक ओर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पश्चिम में विकास कार्यो को गति देकर पश्चिम से अपने लगाव को प्रदर्शित कर रहे है तो वही दूसरी ओर गन्ना मंत्री सुरेश राणा भी पश्चिम क्षेत्र की उन्नति में भरपूर योगदान देने का कार्य कर रहे है।पश्चिमी उत्तर प्रदेश विकास से अछूता न रह जाए इसके लिये गन्ना मंत्री सुरेश राणा की सक्रियता निरंतर बनी हुई है।सरकार की संवेदनशीलता के चलते चीनी मिलों ने इस बीते पेराई सत्र में 1111.90 लाख टन गन्ना खरीदा।पेराई सत्र 2017-18 में प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा क्रय किये गये गन्ने का मूल्य 35454 करोड़ के सापेक्ष अब तक 32,733 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का रिकार्ड भुगतान कराया जा चुका है।बीते पेराई सत्र में चीनी मिलों को भी लाभ रहा।मेरठ की मोहिउद्दीन पुर शुगर मिल,चंदौसी की वीनस,नजीबाबाद में किसान सहकारी मिल की क्षमता में विस्तार कराया गया तथा बुलंदशहर में बंद वेब शुगर मिल को चलाकर किसानों की समस्याओं को सुलझाने का कार्य किया गया।जिस प्रकार केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को प्रति क्विंटल साढ़े पांच रुपये देने का फैसला किया है उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार भी किसानों के खाते में गन्ना मूल्य का प्रति क्विंटल साढ़े चार रुपये की दर से भुगतान कर रही है।खाण्डसारी उद्योग को बढ़ावा देने के लिये खाण्डसारी उद्योग को लाइसेंस मुक्त कर दिया गया है।इससे किसान अपना गन्ना खाण्डसारी उद्योग को देकर अपनी जरूरत के हिसाब से अच्छा मूल्य प्राप्त कर सकता है।
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ताकि खुशहाल बने अन्नदाता