*दृढ़ इच्छाशक्ति और कठिन परिश्रम के बल पर योगीजी बदल रहे हैं यूपी की तस्वीर*
*अतिथि सम्पादक -*
*पं. सुनील भराला* (अध्यक्ष/राज्यमंत्री, श्रम कल्याण परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार).
*ओजस्वी मन:-*
बीते ढाई वर्षो में उत्तर प्रदेश नये रूप में नजर आया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व वाली सरकार की विकास और सुशासन के लिये प्रतिबद्धता इसी बात से आंकी जा सकती है कि सरकार ने बहुत ही कम समय में सधे हुए कदमो से प्रदेश को विकास और सुशासन की ओर अग्रसर करने का कार्य किया है।मार्च 2017 में यूपी में जब भाजपा सरकार बनी थी तो जनता की अनेक अपेक्षाओं का भार उसके सर पर था।अपने बीते हुए कार्यकाल में सरकार ने जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिये पूरे मन से कार्य किया है।अब उत्तर प्रदेश की छवि बदल रही है।पूर्व की सपा-बसपा सरकारों ने प्रदेश को भ्रष्टाचार और गुंडाराज की जो सौगात दी थी,योगी सरकार ने प्रदेश को उस स्थिति से उबारकर विकास और सुशासन के लिये कार्य किया जिससे प्रदेश की जनता में एक नया विश्वास पैदा हुआ है।योगी सरकार के अस्तित्व में आने से पूर्व अनेक समस्याओं से जूझ रहे प्रदेश को नया रूप देने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने निरन्तर कार्य किया है जिसका असर बीते ढाई वर्षो में हुए विकास कार्यो के रूप में देखा जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास पथ पर निरन्तर आगे बढ़ रहा है।उनकी प्रतिबद्धता और अथक परिश्रम के कारण उत्तर प्रदेश में सम्भावनाओ के द्वार खुल रहे हैं।जिस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की बागडौर संभाली और मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया तब राज्य अनगिनत समस्याओं का सामना कर रहा था।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सभी बाधाओं से अप्रभावित रहकर प्रदेश के विकास के लिये कार्य करना शुरू कर दिया।योगी सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर भ्रष्टाचार और अपराधमुक्त प्रदेश बनाने के लिये कार्य किया।जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है।आज प्रदेश में अपराधी खौफ में हैं।उन्हें अपराध करने से पहले 100 बार सोचना पड़ता है।अधिकतर कुख्यात अपराधी या तो प्रदेश छोड़ चुके हैं या फिर जेल में हैं।बहुत से अपराधी पुलिस कार्यवाही के कारण काल का ग्रास बन गये हैं और बहुत से अपराधियों ने कानून के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद भविष्य में अपराध के रास्ते पर न चलने का संकल्प ले लिया है।ये सब अपराध और अपराधियों के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति के परिणामस्वरूप हुआ है।
योगी सरकार के पिछले ढाई वर्षो के कार्यकाल में 4604 मुठभेड़ हुई जिनमें 10,098 अपराधी गिरफ्तार किये गये,1571 अपराधी घायल हुए तथा 94 अपराधी मारे गये।पिछले ढाई वर्षो में राज्य में दंगे या आतंकवाद की एक भी घटना घटित नही हुई।पूर्व की सपा-बसपा सरकारों में प्रदेश में हत्या, लूट खसोट की स्थिति बनी हुई थी।आमजन का विश्वास टूटा हुआ था।लोगो की पहचान पर संकट आ गया था।पिछली सरकार में जितनी भी नौकरियां थी उस पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को स्टे लगाना पड़ा था।ट्रांसफर,पोस्टिंग और नौकरियों में धड़ल्ले से पैसे लिये जा रहे थे।परिवारवाद, जातिवाद और साम्प्रदायिक दंगे,यह सब प्रदेश की पहचान बन चुके थे।अब योगीजी के नेतृत्व वाली सरकार में उत्तर प्रदेश की छवि में सकारात्मक बदलाव आया है।लोगो की बदली धारणा का उदाहरण प्रदेश में बढ़े औद्योगिक निवेश के रूप में देखा जा सकता है।हमारे अधिकारी प्रदेश में 20,000 करोड़ रु के निवेश का लक्ष्य लेकर एक 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट'करना चाहते थे।लेकिन माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने तय किया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कम से कम दो लाख करोड़ रु से ज्यादा का निवेश आना चाहिये।माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में पूरी मेहनत के साथ इस दिशा में प्रयास शुरू हुआ।वर्ष 2018 में लखनऊ में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में सरकार को 5 लाख करोड़ रु के निवेश प्रस्ताव मिले।इनमें जो एमओयू हुए,उनमे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में सवा लाख करोड़ रु का निवेश हो चुका है।65,000 करोड़ रु का निवेश पाइपलाइन में है।लगभग ढाई लाख करोड़ रु का निवेश पिछले ढाई साल के दौरान प्रदेश में हो चुका है।आज देश और विदेश का हर उद्योगपति यूपी में निवेश करना चाहता है।प्रदेश में अब भ्रष्टाचार नही होता।कानून व्यवस्था के मामले में उद्योगपतियों के सामने जो सुरक्षा का संकट था,अब नही है।
माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण उत्तर प्रदेश के विषय मे आमजन की धारणा बदली है।उत्तर प्रदेश की बदली धारणा के पर्याय तीन उदाहरण है।प्रयागराज में कुम्भ का आयोजन,वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस और लोकसभा चुनाव का बेहद शांतिपूर्ण ढंग से आयोजन।सरकार ने इस बार कुम्भ में सुरक्षा, सुव्यवस्था और स्वच्छता का एक नया मानक रखा।यह प्रधानमंत्री मोदी जी का मार्गदर्शन और योगीजी की नेतृत्व शक्ति का परिणाम था कि राज्य की मशीनरी ने एक टीम के रूप में काम किया।इसका ही परिणाम था कि 24 करोड़ श्रद्धालु कुम्भ में आये और इस दौरान न कोई दुर्घटना हुई,न कहीं गंदगी दिखी,न कोई भगदड़ और न कोई अव्यवस्था।वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस में सरकार ने करीब 3,000 लोगो के आने की उम्मीद जतायी थी लेकिन 7,000 से ज्यादा लोग आये।होटलों में जगह नही थी इसलिये सरकार ने लोगो के ठहरने के लिये टेंट सिटी बसाई।यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान 1,63,000 बूथों पर वोटिंग हुई लेकिन कहीं से भी अप्रिय घटना की सूचना नही आयी।जबकि पश्चिम बंगाल में 80,000 बूथ थे और हर चरण में हिंसा हुई और 53 से ज्यादा लोग मारे गये।ये आयोजन इस बात को साबित करते हैं कि योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की मशीनरी और प्रदेश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।यूपी सरकार ने आमजन के विश्वास को अर्जित करने में सफलता प्राप्त की है।रोजगार के क्षेत्र में भी योगी सरकार ने बेहतर कार्य किया है।ढाई वर्ष के कार्यकाल के दौरान सरकार ने सरकारी क्षेत्र में सवा दो लाख नौकरियां दी।यह पहली बार हुआ कि किसी भी नौकरी पर कोर्ट की उंगली नही उठी।जिस तरह से यूपी के परंपरागत व्यवसाय ने 'वन डिस्ट्रिक्ट,वन प्रोडक्ट'योजना के तहत अपना निर्यात बढ़ाया है, यह स्वयं में एक स्टोरी है।यूपी के हर जिले में परंपरागत उद्योगों का कोई न कोई क्लस्टर पहले से ही मौजूद हैं।सरकार ने 'वन डिस्ट्रिक्ट,वन प्रोडक्ट' योजना के जरिये हर प्रोडक्टर की मैपिंग,मार्केटिंग और ब्रांडिंग की।इसका परिणाम है कि यूपी का कुल निर्यात 1,14,000 करोड़ रु से ऊपर पहुंच गया।इसमें पिछले एक वर्ष में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ा है।इससे करीब साढ़े चार लाख नौजवानों को अलग अलग रोजगार मिला है।सरकार का लक्ष्य है कि इसको 5 वर्ष के दौरान 25 लाख तक पहुंचाया जाये।
यूपी पहला राज्य है जिसने अलग अलग सेक्टर की पॉलिसी तय की।वर्तमान में हमारी कुल 21 पॉलिसी हैं।कौशल विकास मिशन के तहत ढेर सारे युवाओ को रोजगार मिला है।मनरेगा के अंतर्गत यूपी 14 करोड़ रोजगार सृजन नही कर सकता था।योगी सरकार ने यह कर दिखाया है।अब सरकार ने 25 करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा है।इस दिशा में सरकार निरन्तर कार्य कर रही है।
योगी सरकार का लक्ष्य नई गति,ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से कार्यो को आगे बढ़ाना है।सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का विशाल लक्ष्य रखा है।उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उपज में नम्बर एक बना है।गत दो वर्षों में उपज 25 फीसदी बढ़ी है।ये चीजें इसलिये सम्भव हो पायी क्योंकि किसानों में विश्वास जगा है।पहले किसान यहां आत्महत्या कर रहा था,पलायन कर रहा था।सरकार ने किसानों का ऋण इसलिये माफ नही किया कि हम उसे सरकार पर आश्रित कर लें, क्योंकि पिछले 15 वर्षों तक यूपी में जो सरकारें थी,उन्होंने कभी भी उसके हित को ध्यान में रखते हुए कोई कार्य नही किया।1973 में योजना आयोग ने बाणसागर सिंचाई परियोजना को हरी झंडी दी थी।1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय मोरारजी देशाई ने इस योजना का शिलान्यास किया था।1978 से 2017 तक यह योजना पूरी नही हो पायी थी।योगी सरकार ने योजना की समीक्षा की और इसे एक वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य अधिकारियों को दिया।जुलाई 2018 में इस योजना का लोकार्पण प्रधानमंत्री जी के हाथों कराया जा चुका है।इस योजना के पूरा होने से 1,50,000 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिल गयी है।सरयू नहर परियोजना, मध्य नहर परियोजना पर भी कार्य चल रहा है।इस वित्त वर्ष के अंत तक सरकार 14 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की क्षमता देने जा रही है।इससे 1.7 लाख किसान सीधे लाभान्वित होंगे।यूपी के किसान आज खुशहाल हैं और उन्नति की ओर अग्रसर है।सरकार ने किसानों की खुशहाली के लिये महत्वपूर्ण कार्य किये हैं।
माननीय मुख्यमंत्री योगीजी के नेतृत्व में सरकार के द्वारा किये गये कार्यो से प्रदेश की जनता में एक नया विश्वास जगा है और विश्व पटल पर उत्तर प्रदेश की छवि निखर रही है।