*ऊर्जावान व्यक्तित्व*
*ओजस्वी मन:-*
सधे हुए कदमो से निरन्तर गतिमान रहने वाले संघर्षशील नेता स्वतंत्र देव सिंह उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं।स्वतंत्र देव सिंह के पग पग में कर्मठता और भारतीय जनता पार्टी के लिये समर्पण झलकता है।इससे पूर्व योगी सरकार में परिवहन मंत्री का कार्यभार संभाल रहे स्वतंत्र देव नई जिम्मेदारी मिलने के बाद अब भाजपा संगठन को गति प्रदान कर आगामी चुनाव के लिये तैयार करने का कार्य कर रहे है।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय को लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में मंत्री बनाया गया।इसके बाद से उत्तर प्रदेश में भाजपा के अध्यक्ष पद की कमान सौंपने हेतु एक ऐसे नेता की जरूरत थी जिसे संगठन में कार्य करने का लंबा अनुभव हो,जिसके स्वभाव में जुझारूपन हो,जो रात-दिन एक करके भाजपा संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाये और पार्टी कार्यकर्ताओं को नये सिरे से तैयार करे।स्वतंत्र देव सिंह इन सभी मानकों पर खरे उतरने वाले मजबूत नेता हैं।
पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले स्वतंत्र देव सिंह बहुत ही एक्टिव रहने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं और लगभग 30 साल से राजनीति में सक्रिय हैं।80 के दशक में स्वतंत्र देव ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति की शुरुआत की थी।इसके बाद 2001 में वह युवा मोर्चा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बने।2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों की बेहतर व्यवस्था करने का श्रेय भी स्वतंत्र देव सिंह को ही जाता है।इसी के बाद से ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और (अब गृह मंत्री भी) के करीब आये।बताया जाता है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में लालकृष्ण आडवाणी की रैलियों की व्यवस्था भी इन्ही के द्वारा करायी गयी थी।
कुशल कार्यशैली के लिये पहचाने जाने वाले स्वतंत्र देव सिंह मूल रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले हैं।इनका कार्यक्षेत्र अधिकतर झांसी,बुंदेलखंड ही रहा है।कुर्मी बिरादरी से आने वाले स्वतंत्र देव सिंह कार्यकर्ताओ के बीच गहरी पकड़ रखते हैं।2019 के लोकसभा चुनाव में इन्हें मध्यप्रदेश का प्रभारी बनाया गया था और वहाँ की सभी लोकसभा सीट भाजपा की झोली में गयी जिसका ईनाम इन्हें उत्तर प्रदेश जैसे राज्य का अध्यक्ष बनाकर दिया गया।मजबूत छवि के धनी स्वतंत्र देव सिंह को सत्ता और संगठन को साधकर चलने में महारत हांसिल है और आरएसएस से इनका गहरा नाता रहा है।स्वतंत्र देव सिंह की शादी झाँसी में हुई।
पिछड़े वर्ग से आने वाले मतदाताओं को साधने के लिये भारतीय जनता पार्टी ने एक विशेष रणनीति के तहत स्वतंत्र देव सिंह को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी है।इसके पीछे एक कारण इनका कुर्मी बिरादरी से तालुक होना बताया जा रहा है।कहा जा रहा है कि हाल ही में होने वाले उपचुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए एक ओबीसी नेता की नियुक्ति की गयी है।अपना दल ,निषाद पार्टी और सुभासपा जैसे दल विशेष रूप से पिछडो की ही राजनीति करते है।सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी पिछड़े समाज से ही आते है।ऐसे में भारतीय जनता पार्टी द्वारा पिछड़े समाज से ही आने वाले स्वतंत्र देव सिंह को यूपी अध्यक्ष बनाना एक सोची समझी रणनीति है।
स्वतंत्र देव सिंह यूपी सरकार में बिना चुनाव लड़े मंत्री बनाये गये।बाद में इन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया गया।1988-89 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री , 1991 में भाजपा कानपुर की युवा शाखा के युवा मोर्चा प्रभारी ,1994 में भाजपा बुंदेलखंड की युवा मोर्चा शाखा के प्रभारी ,1996 व 1998 में युवा मोर्चा के महामंत्री,2001 में भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष,2004 में विधान परिषद के सदस्य और उत्तर प्रदेश भाजपा के महामंत्री,2004 से 2014 तक प्रदेश महामंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों का निर्वहन करते हुए स्वतंत्र देव आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद तक पहुंचे है।इन्होंने मात्र 22 साल की उम्र में ही आरएसएस ज्वाईन कर ली थी।
स्वतंत्र देव सिंह कड़ी मेहनत करने वाले संघर्षशील नेता है।प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उनके पास चुनौतियां भी कम नहीं है।उन्हें सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास के नारे को लेकर कार्य करना होगा।उनके ऊर्जावान व्यक्तित्व को देखकर लगता ही है कि वह अनुभव और मेहनत के बल पर नई कहानी लिखेंगे।
*कार्यकर्ताओ के हित व सम्मान का भी रखना होगा ख्याल*
भारतीय जनता पार्टी को इस मुकाम पर पहुंचाने में उसके कार्यकर्ताओ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।स्वतंत्र देव सिंह स्वयं कहते हैं कि जिस पार्टी में देवतुल्य कार्यकर्ता हो ,उसकी उन्नति को कोई रोक नही सकता।लेकिन यह कहना भी गलत नही होगा कि अधिकतर कार्यकर्ता किसी न किसी रूप में स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे है।पार्टी हित के लिये रात-दिन एक कर देने वाले कार्यकर्ता को थाना व तहसील स्तर पर अपनी समस्याओं का निदान कराने के लिये मशक्कत करनी पड़ती है।जमीनी स्तर पर उनकी सुनवाई न होने और छोटी छोटी बातों के लिये बड़े नेताओं के चक्कर लगाने से उनके मन मे निराशा का भाव उतपन्न होता है।अधिकारी कार्यकर्ताओ की बातों को गम्भीरता से नही लेते हैं।वैसे तो स्वतंत्र देव सिंह कार्यकर्ताओ से बेहतर संबंध बनाने और उनकी समस्याओं को साधकर चलने में माहिर हैं लेकिन उन्हें कार्यकर्ताओ को नये सिरे से यह विश्वास दिलाना होगा कि पार्टी का प्रत्येक कदम उन्ही के हित मे है और कार्यकर्ताओं के कार्य प्राथमिकता के आधार पर किये जायेंगे।
*कुशल सांगठनिक क्षमता के धनी हैं भाजपा अध्यक्ष:-डॉ.त्रिवेदी*
इस बात में कोई दोराय नही है कि उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष माननीय स्वतंत्र देव सिंह कुशल सांगठनिक क्षमता के धनी है।वे कार्यकर्ताओ के प्रति समर्पित है और पार्टी के लिये रात-दिन कार्य करने वाले संघर्षशील नेता हैं।उन्होंने अपने सभी दायित्वों का अभी तक सफलतापूर्वक निर्वहन किया है।माननीय स्वतंत्र देव जी के कुशल नेतृत्व और निर्देशन में भाजपा संगठन नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है।